Nios Deled Latest News Today: भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है, जिसमें एक महत्वपूर्ण शिक्षा संबंधित मुद्दे पर फैसला किया गया है। इस निर्णय के अनुसार, नेशनल ओपन स्कूलिंग (NIOS) से 18 महीने के डीएलएड डिप्लोमा को शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, एनआईओएस डीएलएड डिप्लोमा प्राप्तकर्ताओं को अब सरकारी शिक्षक के पदों के लिए आवेदन करने में बाधा हो गई है।
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यह निर्णय उन लाखों छात्रों और शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है, जिन्होंने एनआईओएस से डीएलएड डिप्लोमा प्राप्त किया है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, विभिन्न राज्यों में जैसे कि बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, और केरल में एनआईओएस डीएलएड डिप्लोमा प्राप्तकर्ताओं को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी रुचि जताई है कि एनसीटीई ने एनआईओएस डीएलएड डिप्लोमा को शिक्षक भर्ती के लिए मान्यता नहीं दी है, क्योंकि इसमें शिक्षण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मानकों को पूरा नहीं किया गया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय में उजागर किया है कि एनआईओएस डीएलएड डिप्लोमा प्राप्तकर्ताओं को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से पहले, उन्हें इस निर्णय के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों को उचित प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है ताकि इस निर्णय से प्रभावित होने वाले एनआईओएस डीएलएड डिप्लोमा प्राप्तकर्ताओं को न्यायपूर्ण रूप से देखा जा सके।
हाल ही में हुए एक महत्वपूर्ण फैसले ने NIOS DELED (दिल्ली ओपन स्कूल शिक्षा बोर्ड के डिप्लोमा इन एजुकेशन) के छात्रों के जीवन में एक बड़ा परिवर्तन का सिग्नल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में घोषित किया है कि NIOS DELED कोर्स 18 महीने का है और यह 2 वर्षीय B.Ed. कोर्स के साथ तुलना में नहीं है। इस फैसले के परिणामस्वरूप, कई राज्यों में NIOS DELED धारकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने से मना किया गया है।
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इस फैसले के परिणामस्वरूप, NIOS DELED धारकों में उठा हुआ उत्साह देखा जा रहा है। वे इस फैसले को गलत और अनुचित मान रहे हैं और इसके पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि NIOS DELED एक मान्यता प्राप्त डिग्री है और इसके धारकों को प्राथमिक शिक्षक के पदों के लिए चयन का पूरा अधिकार है। मामले में NIOS ने भी अपना पक्ष रखा है, कहते हुए कि NIOS DELED एक उच्च स्तरीय डिग्री है और इसके धारकों को प्राथमिक शिक्षक के पदों के लिए पूरी तरह से योग्य माना जाना चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर चुनौती देने का एलान किया है।
इस फैसले के बाद अब यह देखा जाएगा कि क्या NIOS DELED धारकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने का अधिकार दिया जाएगा या नहीं। इस फैसले का सीधा प्रभाव होगा NIOS DELED धारकों के भविष्य पर। इसके साथ ही, NIOS DELED पाठ्यक्रम में भी एक और महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गई है। NIOS ने इस पाठ्यक्रम को अब 2 वर्षों का कोर्स घोषित किया है, जो 2024 से प्रारंभ होगा। यह बदलाव NIOS DELED धारकों के लिए एक सुधार है, क्योंकि इससे उन्हें प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने में कोई रुकावट नहीं होगी।
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